मौलिक अधिकार या मूल अधिकार कौन-कौन से हैं – दोस्तों नमस्कार indohindi.in पर आप सभी का बहुत-बहुत स्वागत है आज बात करेंगे मौलिक अधिकार या फिर मूल अधिकार Fundamental Rights in Hindi के बारे में
मौलिक अधिकार का महत्व – दोस्तों भारतीय संविधान द्वारा प्रदत्त मौलिक अधिकार या मूल अधिकार बे अधिकार है जो कि जनता के हितों का ध्यान रखते हैं जनता के हितों का संरक्षण करते हैं किसी भी देश के विकास मैं उस देश के नागरिकों का महत्वपूर्ण योगदान होता है इसलिए जरूरी है उस देश के नागरिकों का भी विकास हो इसलिए नागरिकों के विकास के लिए उन्हें स्वतंत्रता देने के लिए भारतीय संविधान में मौलिक अधिकार या मूल अधिकार की व्यवस्था की गई है मौलिक अधिकार का वर्णन भारतीय संविधान के भाग 3 तथा अनुच्छेद 12 से 35 के बीच किया गया है मौलिक अधिकारों को u.s.a. यानी अमेरिका के संविधान से लिया गया है भाग-3 या फिर मौलिक अधिकारों को मैग्नाकार्टा के नाम से भी जाना जाता है अब आपके मन में सवाल आ रहा होगा कि मौलिक अधिकार पर निबंध 3 महीनों तक जलने वाली विश्व प्रसिद्ध नालंदा विश्वविद्यालय को किसने…
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मैग्नाकार्टा क्या है – तो आपको बता दें मैग्नाकार्टा वास्तव में ब्रिटेन से आई हुई अवधारणा है क्योंकि सबसे पहले ब्रिटेन में मजदूरों को वहां के राजशाहीयों द्वारा कुछ अधिकार दिए गए थे उन अधिकारों को मैग्नाकार्टा कहा गया इसलिए जब भी अधिकार से संबंधित कोई बात आती है तो उसे मैग्नाकार्टा से जोड़ा जाता है इसलिए भारतीय संविधान में सबसे महत्वपूर्ण मौलिक अधिकार है इसलिए मौलिक अधिकारों को मैग्नाकार्टा से जोड़कर देखा जाता है Top best Formal wear dress brand in india भारत के प्रसिद्ध फॉर्मल वेयर.
भारतीय संविधान में प्रारंभिक रूप में 7 मौलिक अधिकार थे लेकिन वर्तमान में 6 हैं क्योंकि भारतीय संविधान के 44 वें संविधान संशोधन के तहत संपत्ति के अधिकार को हटाकर 300a के तहत कानूनी अधिकार के रूप में जोड़ दिया गया है इस तरह वर्तमान में हमारे पास 6 मौलिक अधिकार बचे हैं। मौलिक अधिकार की विशेषता आग कितने प्रकार की होती हैं तथा अलग-अलग अग्निशामक यंत्र की पूरी जानकारी fundamental rights in indian constitution in Hindi
भारतीय संविधान में मौलिक अधिकार या मूल अधिकार
- समता / समानता का अधिकार अनुच्छेद 14 से 18 के मध्य
- स्वतंत्रता का अधिकार अनुच्छेद 19 से 22 के मध्य
- शोषण के विरुद्ध अधिकार अनुच्छेद 23 से 24 के मध्य
- धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार अनुच्छेद 25 से 28 के मध्य
- सांस्कृतिक एवं शिक्षा संबंधी अधिकार अनुच्छेद 29 से 30 के मध्य
- संवैधानिक उपचारों का अधिकार अनुच्छेद 32 में किया गया
समता / समानता का अधिकार Fundamental Rights in Hindi

समता / समानता का अधिकार – समता या समानता का अधिकार का अर्थ है यह भारतीय जनता को सभी क्षेत्रों में समान बनाने का प्रयास करता है तथा समानता के विचारों को प्रेरित करता है समता या समानता के अधिकार का वर्णन भारतीय संविधान के भाग संख्या 3 में अनुच्छेद 14 से 18 के मध्य किया गया है जिसमें हर अनुच्छेद में अलग-अलग अधिकार प्रदान किए गए हैं जैसे कि मौलिक अधिकार की विशेषता जानिए नहाने का सही तरीका और अपने आप को लकवा तथा दिमाग कि नस…
- अनुच्छेद 14 – विधि के समक्ष समानता का अधिकार
- अनुच्छेद 15 – धर्म, जाति, लिंग ,जन्म स्थान आदि के आधार पर विभेद पर रोक
- अनुच्छेद 16 – लोक नियोजन में अवसर की समानता
- अनुच्छेद 17 – अस्पृश्यता का अंत हुआ छूत का अंत
- अनुच्छेद 18 – उपाधियों का अंत fundamental rights in indian constitution in Hindi
स्वतंत्रता का अधिकार Fundamental Rights in Hindi

स्वतंत्रता का अधिकार – स्वतंत्रता का अधिकार भारत की जनता को भारतीय संविधान द्वारा दिया गया वह अधिकार है जिससे कि वह स्वतंत्र रूप से अपना विकास कर सके तथा देश के विकास में अपना योगदान सुनिश्चित कर सके स्वतंत्रता का अधिकार भारतीय संविधान के भाग 3 में अनुच्छेद 19 से 22 के मध्य वर्णित है जिसमें हर अनुच्छेद में अलग-अलग अधिकार दिए गए हैं जिनको आप क्रमशः जानेंगे मौलिक अधिकार की विशेषता भूख बढ़ाने के 7 रामबाण उपाय Ways to increase appetite
अनुच्छेद 19 – अभिव्यक्ति की आजादी अभिव्यक्ति की आजादी शब्द आपने कई बार सुना होगा अभिव्यक्ति की आजादी का अर्थ है अपने मन के विचारों को लोगों के सामने रखने की स्वतंत्रता अनुच्छेद 19 में कई अधिकार दिए गए हैं जैसे मौलिक अधिकार पर निबंध
- बोलने की स्वतंत्रता
- शांति पूर्ण रूप से ( बिना हथियारों के) एकत्रित होने की स्वतंत्रता
- सभा या फिर समूह बनाने की स्वतंत्रता
- पूरे भारत में आवागमन की स्वतंत्रता
- पूरे भारत में आजीविका यानी रोजगार की स्वतंत्रता
अनुच्छेद 20 – अपराध के दोष सिद्धि के संबंध में संरक्षण अनुच्छेद 20 के अंतर्गत अपराधी को भी कुछ अधिकार दिए गए हैं जैसे कि
- अपराध किए गए समय पर बने कानून से सजा का अधिकार यानी किसी अपराधी ने कोई अपराध सन 2010 में किया उस समय उस अपराध की सजा 2 वर्ष थी लेकिन बाद में यानी 2012 में उस सजा को 6 वर्ष कर दिया गया तो उस अपराधी को भारतीय संविधान यह अधिकार देता है कि उसे 2010 में लागू कानून के अनुसार 2 वर्ष की ही सजा हो उसे 6 वर्ष की सजा नहीं दी जा सकती
- खुद के विरुद्ध गवाही देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता
- एक अपराध के लिए एक ही बार सजा दी जा सकती है यानी कि किसी व्यक्ति ने अगर चोरी की है तो उसे एक ही बार सजा दी जा सकती है पुलिस उसको एक अपराध के लिए बार-बार सजा नहीं दे सकती। नींबू की चाय लेमन टी के फायदे तथा लेमन टी के…
अनुच्छेद 21 प्राण एवं दैहिक / जीवन का अधिकार – अनुच्छेद 21 भारतीय संविधान का काफी महत्वपूर्ण अंग है क्योंकि इसमें प्राण एवं दैहिक स्वतंत्रता की बात की गई है और इसे समय-समय पर संशोधित करके अनुच्छेद 21 का विस्तार किया गया है प्राण एवं दैहिक स्वतंत्रता का अर्थ है जीवन का अधिकार इसमें मुख्य बातें इस प्रकार हैं जैसे कि fundamental rights in indian constitution in Hindi
- स्वच्छ पानी पीना भी मनुष्य का अधिकार है अनुच्छेद 21 के
- तहत स्वच्छ वायु भी मनुष्य का अधिकार है अनुच्छेद 21 के तहत
- भोजन प्राप्त करना भी अधिकार है अनुच्छेद 21 के तहत नए जमाने का व्यापार पीयर टू पीयर लैंडिंग What Is Peer To Peer Lending…
- हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि निजता यानी प्राइवेसी मानव का मौलिक अधिकार है अनुच्छेद 21 के तहत
- चिकित्सा प्राप्त करना विदेश घूमना यह सारे मौलिक अधिकार बन चुके हैं मौलिक अधिकार पर निबंध
अनुच्छेद 21A – अनुच्छेद 21a शुरुआत में नहीं था इसे 86 वें संविधान संशोधन 2002 में जोड़ा गया अनुच्छेद 21a के तहत यह प्रावधान है कि पूरे भारत में 6 से 14 वर्ष के बच्चों को निशुल्क शिक्षा का अधिकार है जिसे RTE – Right To Education के नाम से जाना जाता है
अनुच्छेद 22 गिरफ्तारी के संबंध में संरक्षण – अनुच्छेद 22 में गिरफ्तारी के संबंध में संरक्षण दिए गए हैं आपने कोई गुनाह किया है या नहीं किया है और आपको पुलिस पकड़ने आती है तो आपके पास अनुच्छेद 22 के तहत अधिकार हैं
- जैसे गिरफ्तारी का कारण पूछने का अधिकार
- 24 घंटे के अंदर नजदीकी मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश करवाए जाएं (आवागमन का समय शामिल नहीं है)
- अपनी मनपसंद कानूनी सलाह लेने की छूट होती है यानी किसी भी वकील से बात कर सकते हैं उसे अपने लिए हायर कर सकते हैं मौलिक अधिकार की विशेषता
शोषण के विरुद्ध अधिकार Fundamental Rights in Hindi

अनुच्छेद 23 शोषण के विरुद्ध अधिकार अनुच्छेद 23- 24) – अनुच्छेद 23 हमें शोषण के विरुद्ध अधिकार प्रदान करता है शोषण कई तरह से किए जा सकते हैं बच्चों का शोषण किया जा सकता है बड़ों का शोषण किया जा सकता है महिलाओं का भी शोषण किया जा सकता है अनुच्छेद 23 शोषण के विरुद्ध अधिकार भारत के लोगों को प्रदान करता है जैसे
- मनुष्य का व्यापार (देह व्यापार ) नहीं किया जा सकता
- बाल श्रम बच्चों से काम नहीं करवाया जा सकता
- बंधुआ मजदूरी नहीं करवाई जा सकती
अनुच्छेद 24 – अनुच्छेद 24 के तहत 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से काम नहीं करवाया जा सकता अनुच्छेद 24 में वर्णन है कि 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को कारखानों खानों या फिर किसी भी अन्य जगह कार्य नहीं करवाया जा सकता। मौलिक अधिकार की विशेषता
धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार Fundamental Rights in Hindi

धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार अनुच्छेद 25 से 28 – जब देश आजाद हुआ तो देश विभाजन के समय लकीर खींच दी गई जिसके तहत कुछ लोग लकीर के उस पार चले गए कुछ लोग इस पार रहे उस पार धर्म के आधार पर एक नए देश का गठन हुआ लेकिन इस पार यानी भारत ने धर्मनिरपेक्षता को चुना इसलिए भारतीय संविधान भारत देश में सभी धर्म के लोगों को रहने की अनुमति प्रदान करता है इसका अनुच्छेद 25 से अनुच्छेद 28 तक वर्णन भी किया गया है ।
अनुच्छेद 25 – अनुच्छेद 25 के तहत किसी भी धर्म को मानने किसी भी धर्म का आचरण करने किसी भी धर्म के नियमों को मानने धर्म का प्रचार करने की आजादी प्रदान की गई है सरदारों सिखों को सिर पर पगड़ी पहनने मुस्लिम महिलाओं को बुर्का का प्रावधान भी अनुच्छेद 25 के तहत ही दिया गया है । मौलिक अधिकार पर निबंध
अनुच्छेद 26 – अनुच्छेद 26 के तहत धार्मिक प्रबंधन करने की स्वतंत्रता दी गई है ।
अनुच्छेद 27 – धार्मिक कार्यों को संपोषित करने का अधिकार दिया गया है ।
अनुच्छेद 28 – अनुच्छेद 28 के तहत धार्मिक शिक्षा, उपासना में उपस्थित होने की स्वतंत्रता प्रदान की गई है।
संस्कृति एवं शिक्षा संबंधी अधिकार Fundamental Rights in Hindi

संस्कृति एवं शिक्षा संबंधी अधिकार (अनुच्छेद 29 से 30) – संस्कृति एवं शिक्षा संबंधी अधिकार केवल अल्पसंख्यकों के लिए दिया गया है इसके तहत अपनी संस्कृति के अनुरूप स्कूल खोल सकते हैं तथा अपनी संस्कृति को बचा सकते हैं
- अनुच्छेद 29 – अल्पसंख्यकों के हितों का संरक्षण
- अनुच्छेद 30 – अल्पसंख्यकों के शिक्षा संबंधी प्रावधानों का संरक्षण
संवैधानिक उपचारों का अधिकार Fundamental Rights in Hindi

संवैधानिक उपचारों का अधिकार – संवैधानिक उपचारों के अधिकार के अनुसार प्रावधान हैं कि ऊपर दिए गए किसी भी मौलिक अधिकार का हनन होता है या फिर मौलिक अधिकारों को कोई भी छीनने का प्रयास करता है तो आप इसके विरोध में हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं याचिका दायर कर सकते हैं संवैधानिक उपचारों के अधिकार को डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी ने संविधान की आत्मा कहा है।
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