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बिषय सूची
बेटी बचाओ पर भाषण सेव गर्ल चाइल्ड स्पीच
बेटी बचाओ पर भाषण सेव गर्ल चाइल्ड स्पीच – सबसे पहले मैं महामहिम आदरणीय शिक्षकों और मेरे प्रिय सभी सहयोगियों को विनम्रता पूर्वक प्रणाम तथा सुप्रभात कहना चाहता हूं इस विशेष अवसर पर मैं बेटियों को बचाने के लिए कुछ कहना चाहता हूं भारतीय समाज में बेटी के जन्म को ही प्राचीन काल से ही अभिशाप माना जाता है लेकिन हम अपने मन में इस बात को सोचते हैं article on save girl child in 150 to 200 words इस बात का मनन करते हैं बेटी बचाओ पर भाषण Save Girl Child Speech In Hindi Veg vs Non-Veg | veg or non-veg Which is Better vegetarian or Vegan?
Save Girl Child Speech In Hindi
तो मन में सवाल आता है कि आखिर बेटियां अभिशाप कैसे हो सकती हैं एक लड़की के बिना एक लड़का कभी भी इस दुनिया में नहीं आ सकता लोग इन बातों को क्यों नहीं समझते क्यों लड़कियों को अभिशाप मानते हैं क्यों उनके साथ हिंसा करते हैं क्यों गर्भ में जन्म से पहले बालिकाओं की हत्या करवा देते हैं आखिर क्यों लोग घर सार्वजनिक स्थानों स्कूलों और कार्य स्थलों पर लड़कियों से छेड़खानी तथा बलात्कार जैसे घिनौने कार्य करते हैं इतना ही नहीं क्रूरता की हद तो देखो बेचारी निर्दोष पर तेजाब से हमला भी कर दिया जाता है Top kids wear Brands in India in Hindi बच्चों के कपड़ों के टॉप ब्रांड
तो क्या यह सभ्य समाज है हमारे देश हमारे समाज में देवी पूजन तथा कन्या पूजन की परंपरा रही है हम विभिन्न त्योहारों पर महिला देवी देवताओं जैसे लक्ष्मी सरस्वती दुर्गा आदि की पूजा करते हैं लेकिन क्या हम वास्तविकता में उनकी पूजा कर रहे हैं क्या हम लड़का तथा लड़की में भेदभाव करके इन देवियों को खुश कर पाएंगे असल में लड़का तथा लड़की दोनों ही समाज के स्तंभ है जब तक बराबर नहीं होंगे एक शभ्य समाज की कल्पना भी नहीं की जा सकती क्योंकि एक बेटी जन्म लेती है तो वहीं बेटी किसी की हमसफर बनती है उसी बेटी से पुत्र तथा पुत्री जन्म लेती है तथा पूरी जिम्मेदारी के साथ पूरे परिवार के कर्तव्य तथा दायित्व को निभाते हैं मातृत्व से परिपूर्ण बेटी पूरे परिवार को संभालती है बेटी बचाओ पर भाषण Save Girl Child Speech In Hindi
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तो फिर बेटी अभिशाप कैसे हुई लड़कियों को बोझ माना जाता है हमारे पुरुष प्रधान देश में क्यों महिलाओं को नीचा दिखाया जाता है आज के युग में महिलाएं घर की सभी जिम्मेदारियों के साथ साथ कंधे से कंधा मिलाकर पुरुषों के साथ मैदान में बाहर काम कर रही हैं लेकिन हमारे समाज के लिए शर्म की बात तब हो जाती है
जब इन महिलाओं को हिंसा का सामना करना पड़ता है कुछ नासमझ लोगों के यहां तो यह भी देखा जाता है कि बेटी के जन्म के बाद भी बेटी को कोसते हैं अपनी उस बेटी को पढ़ाते नहीं हैं स्कूल नहीं भेजते हैं बेटा तथा बेटी के साथ खाने पीने में भी भेदभाव करते हैं कहते हैं आखिर बड़ी होकर चूल्हा ही तो फूकेगी लेकिन आज के इस दौर में क्या हमें यह सोच नहीं बदलनी होगी कब तक इनको कुप्रथाओं के बोझ तले बेटियों को दबाए जाएगा आज के दौर में

बेटी बचाओ पर कविता save girl child poem in hindi
बेटियां बेटों से कंधे से कंधा मिलाकर। हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं।। |
बेटियां आईएएस बन रही है । बेटियां आईपीएस बन रही है ।। |
बेटियां ट्रेन चला रही हैं। बेटियां एरोप्लेन चला रही हैं ।। |
बेटियां फौज में शामिल । होकर बॉर्डर पर लड़ने जा रही हैं।। |
बेटियां डॉक्टर बन रही हैं । बेटियां इंजीनियर बन रही हैं ।। |
बेटियां MLA, MP । और मिनिस्टर बन रही है ।। |
बेटियां गायक वन रही है । बेटियां नृत्यकाएं बन रही है ।। |
और अपनी तमाम हुनर तथा प्रतिभाओं से । देश का नाम रोशन कर रही हैं ।। |
लेकिन अफसोस की बात यह है कि । बेटियां फिर भी कोख में मर रही हैं ।। |
बेटियाँ कोख में मर रही ।। |
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने लाल किले से अपने भाषण में भी इस बात का जिक्र किया था उन्होंने कहा मैं अपने सभी देशवासियों से बेटियों को बचाने की भीख मांगता हूं हरियाणा में कुरुक्षेत्र के पास प्रिंस नाम का एक बेटा जो कि बोरवेल में गिर गया था तब पूरे देश ने उस बेटे के लिए प्रार्थना की थी और उस बेटे को सुरक्षित निकाल लिया गया था लेकिन बड़े दुख की बात है रोज सैकड़ों कन्याओं को बेटियों को गर्भ में ही अपने प्राण छोड़ने पड़ते हैं तो क्या हमारा कलेजा इस बात पर नहीं फटना चाहिए अगर प्रिंस को बचाने के लिए पूरा देश प्रार्थना कर सकता है तो क्या हमारी नैतिक जिम्मेदारी यह नहीं बनती की फूल सी इन मासूम बच्चियों को भी बचाया जाए इनके साथ भी भेदभाव ना हो ऐसी पहल की जाए मेरा आप सभी से विनम्र अनुरोध है कृपया बेटा तथा बेटी में भेदभाव ना करें और अपने सभ्य होने का परिचय दें क्योंकि अगर भ्रूण हत्या करवाओगे तो, बहू कहां से लाओगे
धन्यवाद
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