वह घूंघट नहीं काढ़ती
पुरुषों से करती हैं बातें
मिलाती है हाथ
वह घूंघट नहीं काढ़तीपुरुषों से करती हैं बातेंमिलाती है हाथनहीं शर्माती सकुचातीजोर से हंसती हैतर्क करती हैहर बड़े-छोटे …
वह घूंघट नहीं काढ़तीपुरुषों से करती हैं बातेंमिलाती है हाथनहीं शर्माती सकुचातीजोर से हंसती हैतर्क करती हैहर बड़े-छोटे …
वुजदिल डराया करते हैं अक्सर दिलेर को गफलत में काट लेते हैं कुत्ते भी शेर को
शेरो शायरी तो दिल बहलाने का जरिया है लफ्ज कागज पर उतारने से महबूब नहीं लौटा करते
फहमी बदायूंनी समंदर उल्टा सीधा बोलता हैसलीके से तो प्यासा बोलता हैवहां हो जाता है सन्नाटा एक दिनजहां …
….आज तुमको चूम लेने का इरादा जो कर लिया मैंने ” 💝 ©मृदुल कपिल ” नहीं लगवाया पान …